World Food Day:  सही खानपान से करें बीमारियों से मुकाबला, ऐसी हो खाने वाली थाली

World Food Day:  सही खानपान से करें बीमारियों से मुकाबला, ऐसी हो खाने वाली थाली

रोहित पाल

16 अक्टूबर को पूरी दुनिया में वर्ल्‍ड फूड डे मनाया जाता है। वर्ल्‍ड फूड डे मनाने का मुख्य उद्देश्‍य लोगों को उनके खान-पान के लिए जागरुक करना है। लोगों को यह बताना कि वह किस तरह के खान-पान से अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं। इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्‍योंकि आजकल ज्यादा बीमारियां संक्रमण या किसी अन्य वजह से नहीं बल्कि खानपान की वजह से बढ़ रही हैं। वैसे भी कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है और स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक व संतुलित आहार का रोज सेवन करना आवश्‍यक है। हालांकि गरीबी पौष्टिकता का सबसे बड़ा दुश्मन है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सारे अमीर लोग हमेशा पौष्टिक आहार ही लेते हैं। दरअसल लोगों को आज भी सही खानपान का ज्ञान नहीं है। वैज्ञानिक रूप से भी यह साबित हो चुका है कि हमारे भोजन का संबंध बीमारियों से होता है। इसीलिए सही खानपान के बारे में जागरूक होना बहुत ही आवशयक है।

स्वस्थ शरीर और पौष्टिक आहार

इंसान का शरीर सबसे जटिल और सुंदर मशीन है। इस मशीन को काम करते रहने के लिए ऊर्जा की जरूरत होतीं है और यह ऊर्जा भोजन से मिलती है। गौरतलब है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कार्बोहाइड्रेड, वसा, प्रोटीन, रेशे, विटामिन, खनिज और सूक्ष्म पौष्टिक पदार्थों की जरूरत होती है। शरीर के लिए इन सबका अपना-अपना कार्य होता है। कार्बोहाइड्रेड और वसा शक्ति और ईंधन के लिए, रेशे शरीर के तंतुओं को जोड़ने के लिए, चर्बी शरीर के एंगजाइम और शक्ति के भंडारण के लिए व प्रोटीन तंतुओं और शरीर के विकास के लिए जरूरी होता है। शरीर प्रोटीन के कुछ तत्वों को अपने आप नहीं बना पाता है, इसीलिए इन्हें बाहर से लेने की आवश्यकता पड़ती है। इनके आलावा लौह, कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, मैगजीन, विटामिन-ए, बी, सी, डी, ई जैसे खनिज पदार्थ, लवण (नमक, पोटेशियम) और जल को भी आहार माना जाता है और ये हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्‍यक हैं। इनमें से एक की भी कमी से शरीर बीमारी की चपेट में आ सकता है।

किसको कितनी प्रोटीन की जरूरत

गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बढ़ते बच्चों को ज्यादा आहार की जरूरत होती है। इसी प्रकार एथलीटों और खिलाडियों को भी अधिक आहार की जरूरत होती है तो इन्हें भी अधिक आहार लेने चाहिए। इसके उलट मोटे या अधिक वजन वाले लोगों को कम आहार लेना चाहिए। इंसान की उम्र, कद और लिंग के अनुसार उसका वजन 45 से 80 किलोग्राम होना चाहिए और उसके अनुसार ही उसे रोज 1600 से 3500 कैलोरी तक की ईंधन की आवश्यकता होती है। इसमें से 20 से 30 ग्राम वसा, 40 से 70 ग्राम प्रोटीन और 400 से 500 ग्राम कार्बोहाइड्रेड होना चाहिए।

पौष्टिक भोजन की कमी से क्या होता है

पौष्टिक आहार की कमी और इसके दुष्परिणाम कई तरह के हो सकते हैं। जैसे भोजन की कमी से युवाओं में भुखमरी और बच्चों में कुपोषण हो जाता है, जबकि बहुत दिनों तक अधिक खुराक लेने पर मोटापा हो जाता है। भोजन में प्रोटीन और विटामिन की कमी से बच्चे रोगी हो जाते हैं। लोहा, विटामिन डी, वसा, शराब जैसे पौष्टिक तत्वों के अधिक होने से छपाकी, माइग्रेन (सिर दर्द) जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

ऐसे बनें सेहतमंद-

कार्बोहाइड्रेड आलू, चावल, मीठी वस्तुओं, छिलके आदि में अधिक होता है। वसा या चर्बी- घी, मक्खन और तेल में होता है। जबकि विटामिन सब्जियां, सलाद, फलों आदि में अधिक होता है। हरी सब्जियों और अमरुद में लोहा, दूध या दूध से बनी चीज़ों में कैल्शियम, रसीले खट्टे फलों में विटामिन सी गाजर और मूली में   विटामिन ए, केला में अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफोन, जबकि सलादों में विटामिन बी की मात्रा अधिक होती है। इसीलिए हमे हर प्रकार की चीज़ों को खाने में शामिल करना चाहिए।

इस तरह से तैयार करें अपनी थाली-

फल 300 ग्राम - 78 कैलोरी

सब्जी 300 ग्राम - 78 कैलोरी

सलाद 75 ग्राम - 284 कैलोरी

मोटा अनाज ज्वार, बाजरा, मक्का आदि 232 ग्राम - 811 कैलोरी

स्टार्च वाली सब्जियां 50 ग्राम - 39 कैलोरी

डेरी फूड 350 ग्राम -  153 कैलोरी

एनिमल फूड 84 ग्राम -  151 कैलोरी

नट्स 50 ग्राम -  291 कैलोरी

अनसैचुरेटेड फैट जैतून, सरसों 40 ग्राम -  354 कैलोरी

सैचुरेटेड फैट चीज बटर, कोकोनट 11.8 ग्राम  - 96 कैलोरी

मूंगफली अखरोज काजू 99 ग्राम

चिनक, पोल्ट्री प्रोडक्ट 28 ग्राम

मौसमी फल 100 से 300 ग्राम

 

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